“सुपोषित मध्यप्रदेश” की दिशा में मजबूत कदम: मंत्री निर्मला भूरिया ने जोनल सम्मेलन में रखी मजबूत बात

 “सुपोषित मध्यप्रदेश” की दिशा में मजबूत कदम: मंत्री निर्मला भूरिया ने जोनल सम्मेलन में रखी मजबूत बात


जावेद रशीद खान

झाबुआ, 12 जुलाई 2025

गुजरात के केवड़िया में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित जोनल सम्मेलन में मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण को लेकर उठाए जा रहे कदमों और नवाचारों का विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी जनजातीय बहुलता और भौगोलिक विविधताओं के बावजूद “सुपोषित मध्यप्रदेश” के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर स्तर पर काम कर रहा है।

डिजिटल पारदर्शिता से नियुक्ति प्रणाली में सुधार

मंत्री सुश्री भूरिया ने बताया कि राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ऑनलाइन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत अब तक करीब 19,500 पद पारदर्शी तरीके से भरे जा चुके हैं और यह प्रक्रिया हर छह माह में रिक्तियों के अनुसार नियमित रूप से जारी रहेगी।

पोषण सुधार और तकनीकी नवाचार

उन्होंने कहा कि कुपोषण उन्मूलन के लिए तकनीकी नवाचारों पर जोर दिया गया है। AIIMS भोपाल के सहयोग से पोषण ट्रैकर डेटा की गुणवत्ता में सुधार किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए नेत्र परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है, जिससे उन्हें स्मार्टफोन आधारित ऐप्स चलाने में सुविधा हो रही है। झाबुआ जिले में “मोटी आई कार्यक्रम” और डिण्डौरी में “रेवा प्रोजेक्ट” जैसे नवाचारों से कुपोषण के क्षेत्र में बेहतरीन परिणाम मिल रहे हैं।

बालिकाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी

“सशक्त वाहिनी कार्यक्रम” के तहत अब तक 11,000 से अधिक बालिकाओं को नि:शुल्क शारीरिक और शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया गया है। इसका परिणाम यह है कि कई बालिकाएं अब पुलिस, चिकित्सा और अन्य सेवाओं में चयनित होकर प्रदेश का गौरव बढ़ा रही हैं।

महिला सुरक्षा के लिए तकनीकी एकीकरण

महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य में हेल्पलाइन 181 और 1098 का ERSS-112 से तकनीकी एकीकरण जुलाई 2024 में पूरा कर लिया गया है। पिछले छह महीनों में 86,000 से अधिक मामलों में 91 प्रतिशत से अधिक का समाधान किया गया है। इसके अलावा “शक्ति निवास” योजना के तहत कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित आवास की सुविधा दी जा रही है। इंदौर में 100-बेड का नया शक्ति निवास तैयार है, जबकि प्रदेश के चार अन्य शहरों में निर्माण कार्य प्रगति पर है।

महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाएं

मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत प्रदेश की 1.27 करोड़ महिलाओं को हर माह ₹1250 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक करीब ₹38,000 करोड़ की राशि वितरित की जा चुकी है। इसके अलावा महिलाओं को अटल पेंशन योजना से जोड़ने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है।

बाल संरक्षण के लिए ठोस पहल

“मिशन वात्सल्य” के अंतर्गत चार बड़े जिलों में कंपोजिट शेल्टर होम बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को ₹4000 प्रतिमाह और आफ्टर केयर लाभार्थियों को ₹5000 की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है।

केंद्रीय योजनाओं के लिए सुधार के सुझाव

मंत्री सुश्री भूरिया ने केंद्र सरकार के समक्ष योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे। इनमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि, दरों को CPI के अनुसार संशोधित करना, 2019-20 से लंबित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पुनः प्रारंभ करना, प्री-स्कूल सामग्री में वृद्धि, ‘जादुई पिटारा’ जैसी पहलों का विस्तार, PMMVY योजना में द्वितीय गर्भावस्था पर भी लाभ देना, शक्ति सदन और सखी केंद्रों के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन तथा स्पॉन्सरशिप योजना और आफ्टर केयर सहायता राशि में वृद्धि शामिल हैं।


मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश की हर महिला और बच्चा आत्मनिर्भर और सशक्त बने, और इसके लिए सभी स्तरों पर योजनाओं को ज़मीन तक पहुंचाया जा रहा है।

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