बीमा कर्मचारी रजत राठौर ने ग्राहक सर्वोपरि की भावना को किया चरितार्थ।
अल्ताफ खान धार।
भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा धार के कर्मठ कर्मचारी रजत राठौर ने अपनी तत्परता और सेवा भाव से बीमाधारक परिवार को बड़ा लाभ दिलाकर "ग्राहक सर्वोपरि" की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
स्व. श्री राजेंद्र हिरवाले ने वर्ष 2007 में अपनी बच्ची के नाम से बीमा पॉलिसी ली थी। दुर्भाग्यवश वर्ष 2015 में उनके निधन के बाद परिवार आर्थिक तंगी के कारण प्रीमियम भरने में असमर्थ रहा और पॉलिसी बंद हो गई। हाल ही में परिवार ने लगभग 60,000 रुपए के अभ्यार्पण मूल्य के लिए आवेदन किया।
इसी दौरान शाखा के कर्मचारी रजत राठौर ने मामले की गहराई से जांच करते हुए परिवार को बताया कि इस पॉलिसी में "प्रीमियम वेवर बेनिफिट" का प्रावधान है, जिसके तहत प्रस्तावक के निधन के बाद आगे की प्रीमियम माफ हो जाती है और अतिरिक्त लाभ भी मिलता है। इस तथ्य से परिवार पूरी तरह अनजान था।
रजत राठौर ने तत्काल अभ्यार्पण की प्रक्रिया रोककर विभागीय कार्रवाई शुरू की और परिवार को पॉलिसी के पूरे लाभ दिलवाए। इसके परिणामस्वरूप हिरवाले परिवार को लगभग डेढ़ लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई।
मृतक की पत्नी ने इस पर भावुक होते हुए कहा कि "यह राशि मेरी बेटी की पढ़ाई और विवाह में बहुत मददगार सिद्ध होगी। हम एलआईसी और रजत जी के प्रति हृदय से आभारी हैं।"
इस पूरे प्रकरण ने न केवल बीमा धारक परिवार को आर्थिक संबल प्रदान किया बल्कि संस्था भारतीय जीवन बीमा निगम की विश्वसनीयता और विश्वास को और मजबूत किया।
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