"शासकीय नौकरी भी देशसेवा के समकक्ष" – मनोहरदास चौहान
सेवानिवृत्त शिक्षक अशोक खंडेलवाल का भोला भंडारा परिवार ने किया सम्मान
(जावेद खान थांदला)
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रम्भापुर में सहायक शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएँ पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए श्री अशोक खंडेलवाल का सम्मान समारोह उनके निवास पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर भोला भंडारा परिवार द्वारा उन्हें शाल व माला पहनाकर, भगवान महाकाल की तस्वीर भेंट स्वरूप दी गई।
समिति संचालक मनोहरदास चौहान ने कहा, "जैसे सीमाओं पर सैनिक देश की रक्षा करते हैं, वैसे ही शासकीय सेवक शासन की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाकर देशसेवा करते हैं।"
एडवोकेट श्रीमंत अरोड़ा ने शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, "माता-पिता के बाद यदि कोई बच्चों का मार्गदर्शक होता है तो वह शिक्षक होता है, जो संस्कारों का बीजारोपण करता है और भविष्य का निर्माण करता है।"
मोहनलाल चौहान ने शिक्षक की सेवा यात्रा को ड्राइवर की भूमिका से जोड़ते हुए कहा, "जैसे चालक यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाकर विश्राम करता है, वैसे ही अब खंडेलवालजी को पारिवारिक जीवन में समय देने का अवसर मिलेगा।"
खंडेलवाल के सहकर्मी दिनेश सोलंकी ने उन्हें नैतिकता और ईमानदारी का प्रतीक बताते हुए कहा कि वह भविष्य में भी समाज सेवा में सक्रिय रहेंगे। वहीं कन्हैयालाल पाटीदार ने उन्हें दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे जनसेवा में सहभागी बने रहेंगे।
इस अवसर पर समिति के अन्य सदस्य पवन नाहर, मनोज उपाध्याय, ललित शर्मा, किशोर पड़ियार, महेश गढ़वाल, अमृतलाल चौहान, शैलेन्द्र चौहान, राकेश जोझा व तुलसी मेहते आदि ने भी अशोक खंडेलवाल को उनके सेवाकाल के लिए शुभकामनाएं दीं और भविष्य के लिए मंगलकामनाएं व्यक्त की गई।
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